क्रिकेट खेलने वाली बॉल इन तरीके से फैक्टरी में बनायी जाती है?

क्रिकेट इंडिया के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है आज दुनिया भर में क्रिकेट की दीवानगी इतनी बढ़ गई है कि लोग सिर्फ क्रिकेट मैच को देखने के लिए लाखों रुपए खर्च कर देते हैं तो अब सुनिए क्रिकेट तो आपने देख लिया पर क्या आपने यह देखा है कि क्रिकेट मैच खेले जाने वाले बॉल को फैक्ट्री में किस तरह से बनाया जाता है और उसको बनाने में कौन सी ऐसी खास चीज का यूज किया जाता है कि जिससे वह इतनी फोर्स के साथ बाउंस करती है आइए विस्तार से जानते हैं।

क्रिकेट बॉल कैसे बनायी जाती है

क्रिकेट बॉल कैसे बनायी जाती है: सबसे पहले लेदर की सीट को फैक्ट्री में लाया जाता है यह लेदर मुख्यत बांग्लादेश में तैयार होती है बॉल को बनाने के लिए इस लेदर को कमप्रेस करके 2mm से 2.50 mm तक रखा जाता है ताकि लेदर थोड़ी सख्त हो सके फिर इस लेदर को काटकर पतले सीट में बदल दिया जाता है, उसके बाद इस शीट को सांचे (डाई) में डालकर गोल शेप में कट कर लिया जाता है ये शेप बॉल का एक चौथाई भाग होता है

क्रिकेट बॉल कैसे बनायी जाती है

कॉर्ड के ऊपर एक और रबड़ की परत को चढ़ाया जाता है

आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि इस लेदर को हाथों से ही सुई और धागे की मदद से सील लिया जाता है अब यह बॉल का आधा भाग बन चुका है, अब अगले स्टेप में इन बॉक्स के अंदर एक और लेदर को डालकर अच्छे से प्रेस के जरिए फिक्स कर दिया जाता है और बचे हुए एक्स्ट्रा लेदर को ब्लेड की मदद से काट लिया जाता है, वहीं अब दूसरी फैक्ट्री में एक कॉर्ड को तैयार कर लिया जाता है और इस कॉर्ड के ऊपर एक और रबड़ की परत को चढ़ाया जाता है

बॉल के लेदर को हाथों से सिला जाता है

क्रिकेट बॉल कैसे बनायी जाती है

इन्हें और अधिक मजबूती देने के लिए इनके ऊपर मजबूत धागों से कवर कर लिया जाता है, अब इस कॉर्ड को उस आगे बढ़कर खोलकर अंदर डालकर मिक्स कर ले आता है और इनको पैक करने के लिए इसकी सिलाई कर ली जाती है यह सिलाई हाथों और मशीनों दोनों के जरिए की जाती है, इन बॉल्स पर कुल छह स्टेप में धागे से सिला जाता है ताकि बॉल्स मजबूत बन सकते हैं

राउंड शेप देने के लिए प्रेशर दिया जाता है

अब बारी आती है इन बॉल को एकदम राउंड शेप देने की इसके लिए बॉल को डाई अंदर डालकर प्रेशर अप्लाई किया जाता है जिसके बाद इन बॉल की सरकम्फ्रेंस 8.8 इंच से लेकर 9 इंच तक रखा जाता है तो अब बॉल पूरी तरीके से तैयार हो चुका है अब इन बॉल्स को कलर करने के लिए इसको 90 डिग्री पर रोटेट किया जाता है ताकि बॉल अच्छे से कलर हो जाए फिर इन बॉल के ऊपर लोगों को प्रिंट कर लिया जाता है

अब यहां पर बॉल को मोम के जरिए पॉलिश किया जाता है बालों को चमकदार बनाने के लिए इस पर ऑयल को लगा दिया जाता है और अब इन बॉल की वेट और साइज को मेजर करने के बाद इन्हें बॉक्स में पैक कर दिया जाता है और यह बॉल खेलने के लिए पूरी तरह से तैयार है

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हर्षित मिश्रा इस वेबसाइट के टेक्निकल चीफ एडिटर और राइटर हैं, इन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है और वेबसाइट डेवलपमेंट और कंटेन्ट मार्केटिंग में 6+ वर्षों का अनुभव है।
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