Louis Vuitton Sucess Story: कैसे एक अनपढ़ लड़के ने खड़ी कर दी 16 लाख करोड़ की कंपनी

Louis Vuitton Sucess Story

Louis Vuitton Sucess Story: लुईस विटॉन एक 10 साल का गरीब लड़का जिसे ना तो सौतेली मां से प्यार मिला और ना ही उसने घर में बिजली तक देखी, स्कूल वो ज्यादा दिन तक जा नहीं सका क्योंकि दो वक्त की रोटी के लिए पापा के साथ खेत में काम करना पड़ता, गुस्से में आकर एक दिन लड़के ने घर छोड़ दिया और दर दर गरीबी में भटकते भटकते आखिरकार ऐसा प्रोडक्ट बना डाला जिसे खरीदने का शौक पूरी दुनिया रखने लगी, वर्ल्ड वॉर 2 में जब कई देशों की इकॉनमी ढह गई और करोड़ों लोग बेघर हो गए तब भी यह आदमी करोड़ों छपता रहा और तो और एक तरफ जहां ये बिलियन डॉलर्स की कंपनी का मालिक बना

वहीं कई कंट्रोवर्शियल खबरों में बने रहने के लिए भी ये जाना गया दशकों में कई उतार चढ़ाव देखने के बाद आज आलम ऐसा है कि इस कंपनी की वैल्यूएशन 26.3 बिलियन डॉलर्स है, स्टेटस और लग्जरी सिंबल के तौर पर बड़े-बड़े सेलेब इसे अपने पास रखते हैं और तो और खुद दीपिका पादुकोण इसकी ब्रांड एंबेसडर बनी फिरती हैं ऐसे में सवाल ये आता है कि आखिर यह ब्रांड है कौन सा इसकी शुरुआत करने वाला आदमी कौन था और रोड पर रहने से लेकर इसके करोड़पति बनने का पूरा गेम क्या है चलिए जानते हैं

Louis Vuitton का शुरुवाती जीवन

देखिए पूरी जवानी लक्जरी से दूर रहने से लेकर नंबर वन लग्जरी ब्रांड बनाने तक यह कहानी है Louis Vuitton की जिसे उसके स्ट्रगल हार्ड वर्क और लक्जरी ने हमेशा के लिए एक स्टेटस सिंबल बना दिया और इन सब की शुरुआत हुई थी छोटे से लुईस विटॉन से जो ईस्टर्न फ्रांस के एक छोटे से परिवार में पैदा हुए, बेहद गरीबी के चलते उसे बचपन में ही उम्र से ज्यादा बड़ा होना पड़ा, लुईस विटॉन के पापा क्योंकि फार्मर थे इसलिए लुई पापा के साथ खेत में पहले से ही काम करते

फिर जब उनकी मां की डेथ हो गई तो पापा ने दूसरी शादी कर ली और नई बीवी को घर ले आए इन सभी इमोशनल टर्मल के बीच लुईस विटॉन को कभी अपनी मां का प्यार नहीं मिलावो केवल 10 साल के थे लेकिन इस तरह से उन पर काम का बोझ था कि काम करते-करते कब शाम हो जाती लुई को एक खबर भी नहीं होती थी जैसे-तैसे परिवार चल रहा था लेकिन धीरे-धीरे की सौतेली मां का बिहेवियर बिगड़ने लगा और हद तो तब हो गई जब उन्हें दो वक्त के खाने के लिए अपनी मां के सामने बुरी तरह गिड़गिड़ाना पड़ता

10 साल की उम्र में छोड़ दिया घर

जब टॉर्चर हद से ज्यादा हो गया तो एक दिन उन्होंने घर छोड़कर जाने का फैसला कर लिया वह चुपचाप बिना किसी को बताए घर से निकल गए और फिर कभी मुड़कर पीछे नहीं देखा, इसी बीच उन्होंने दरदर की ठोकरें खाई कई दुख देखे लेकिन घर छोड़ना उनकी जिंदगी का एक ऐसा डिसीजन साबित हुआ जिसने उनकी लाइफ को हमेशा के लिए बदल कर रख दिया, 1835 में केवल 13 साल की उम्र में लुईस विटॉन अकेले ही पेरिस निकल गए,

वहां उन्हें उस समय ना तो खाने को खाना मिला और ना ही पैसा, बिना जान पहचान और रिसोर्सेस के काफी समय तक वह पैदल ही चलते रहे और छोटे-मोटे उल्टे सीधे काम करके अपना गुजारा चलाते रहे इसी तरह उन्होंने 2 साल गुजार दिए और इस दौरान 470 किमी पैदल चलकर उन्होंने एक लंबा सफर तय किया, फिर आया साल 1837 जब 16 साल की उम्र में वो कुछ छोटे-मोटे क्राफ्ट्समैन और आर्टिजंस के साथ काम करने लगे यहां उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला लेकिन फिर भी पैसों की कमी के कारण लुईस विटॉन सड़कों पर सोकर ही अपनी रात बिताते।

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Louis Vuitton बनाने के पीछे की कहानी

अपने इसी दौर में उन्होंने एक ऐसी चीज नोटिस की जिससे उन्हें एक अच्छे खासे बिजनेस का आईडिया आया, दरअसल उस समय पेरिस में इंडस्ट्रियलाइजेशन का दौर चल रहा था और पेरिस में पहली रेलवे लाइन ओपन हुई थी ऐसे में लोग कहीं भी जाने के लिए ट्रेन का इस्तेमाल करने लगे थे और ट्रेवल करने के लिए तब वो बड़े-बड़े बॉक्सेस का इस्तेमाल करते थे यह बॉक्सेस बेहद कीमती और जरूरी चीजों को सही ढंग से रखने के लिए इस्तेमाल होता था जिससे ना तो सामान खराब हो और ना ही टूटे इसलिए ट्रेवल करने वाले लोगों ने ऐसे लोगों को हायर करना शुरू कर दिया जो सामान को सही ढंग से सेट करके बॉक्स में रख सके

Image: The Fashiongton Post

Louis Vuitton ने जब लोगों की डिमांड्स और नीड्स को नोटिस किया तो उन्होंने डिसाइड किया कि अब वो इस फील्ड में ही काम करेंगे, हालांकि इस बार लुईस विटॉन की किस्मत ने भी उनका साथ दिया और उन्हें Monsieur Mareehal नाम के एक क्राफ्टमेन के यहाँ नौकरी कर ली ज्यादा सैलरी तो नहीं मिली लेकिन काम सीखने को बहुत मिला देखते देखते लुईस विटॉन Monsieur की क्लाइंट्स की फर्स्ट चॉइस बन गया और कुछ समय बाद लुईस विटॉन बॉक्स मेकिंग में इतना पॉपुलर हो गया कि द एंप्रेस ऑफ फ्रांस ने लुई को अपना पर्सनल बॉक्स मेकर बना लिया

लुई ने सालों इंप्रेस ऑफ फ्रांस के लिए काम किया और हर तरह के बॉक्सेस के बारे में जाना और पढ़ा अपनी बढ़ती डिमांड और बॉक्सेस में एक्सपर्टीज के कारण लुई ने एक दिन खुद अपनी बॉक्सेस की दुकान भी खोल ली

लुईस विटॉन के लाइफ का टर्निंग पॉइंट

देखिए सालों बॉक्सेस में काम करने के कारण लुई को यह तो समझ में आ गया था कि भाई उन्हें अपनी दुकान में जो बॉक्सेस रखने हैं वो उन्हें मॉडिफाई करके बनाएंगे क्योंकि पहले जो बॉक्सेस थे वो ऊपर की तरफ से उठे हुए होते थे जिस वजह से उन्हें एक के ऊपर एक रखने में काफी परेशानी होती थी और वो जगह भी काफी ज्यादा कवर करते थे

Louis Vuitton ने अपने बॉक्सेस को लेदर की जगह कैनवास से बनाया जो पुराने बॉक्सेस से लाइटर ड्यूरेबल और अधिक वाटर रेजिस्टेंट होते थे जो आसानी से लोड किए जा सकते थे इसके अलावा लुईस विटॉन ने अपने बॉक्सेस को थोड़ा मॉर्डन टच देते हुए उन्हें ग्रे कलर में बनाया जिससे वह काफी क्लीन और क्लासीक नजर आते थे लुईस विटॉन के इन बॉक्सेस ने लगेज की दुनिया को पूरी तरह से बदल कर रख दिया लोग अब केवल लुई के बनाए बॉक्सेस को ही प्रेफरेंस देने लगे

वुमेन हैंड बैग्स ने बदल दी Louis Vuitton Sucess Story

जिस वजह से अगले कुछ सालों में लुईस विटॉन की दुकान ने दबाकर प्रॉफिट और पॉपुलरटी कमाई हालांकि बात यही नहीं रुकी बॉक्सेस का काम चलने के बाद लुई ने वुमेन हैंड बैग्स को अपनी दुकान में जगह दी जी हां उस समय वुमेन हैंड बैग्स को ज्यादा प्रेफरेंस नहीं देती थी लेकिन लुईस विटॉन ने अपने हैंडबैग्स को भी कैनवास से बनाना शुरू किया

लुईस विटॉन ने हर तरह की ड्रेस के साथ वैराइटीज ऑफ हैंडबैग्स बनाए जिन्होंने मार्केट में आते के साथ ही कमाल की उड़ान भरी विमेंस अब अपने लिए तरह-तरह के हैंडबैग्स लेने लगी लोई का यह काम भी काफीअच्छा चलने लगा और बिजनेस को बढ़ता देख लोई ने अपने बेटे जॉर्ज को भी बिजनेस में लगा लिया जॉर्ज भी अपने पिता की तरह बैग्स और बॉक्सेस से दुनिया में कमाल की नॉलेज रखता था

जॉर्ज ने अपने पिता को बैग्स और बॉक्सेस में लॉक लगवाने का आईडिया दिया जिसके बाद लुईस ने अपने सभी बॉक्सेस में लॉक लगवाना शुरू कर दिया यह लॉक भी इतने कमाल के थे कि इन्हें किसी के लिए भी आसानी से तोड़ना नामुमकिन था जिससे चोरी के चांसेस भी काफी कम हो गए और हर बार की तरह इस बार भी लई के नए आईडिया को भी पब्लिक ने काफी पसंद किया और लॉक वाले बॉक्सेस को खरीदना शुरू कर दिया

फ्रेंच प्रशियन वॉर ने बर्बाद कर दिया बिजनेस

लुई का बिजनेस दिन प्रतिदिन आसमान छू रहा था लेकिन तभी फ्रेंच प्रशियन वॉर शुरू हो गई जिस वजह से लुई को अपने पूरे परिवार को लेकर रिफ्यूजी कैंप्स में रहना पड़ा इन कैंप्स की हालत इतनी खराब थी कि कई बार तो लुई के परिवार के पास खाने के लिए खाना तक नहीं होता था हालांकि युद्ध जब खत्म हुई तो लुई ने दोबारा से घर पर वापसी की लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी लुई की शॉप और घर दोनों का सारा सामान चोरी हो गया था, चीजें टूटी फूटी थी लाइफ ने लुई को एक बार फिर उसी मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया था जहां से सालों पहले वह निकल चुके थे।

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Louis Vuitton ने इंटरनेशनल मार्केट मे बनायी पहचान

लुई ने यहां भी हार नहीं मानी और फिर से अपना पूरा बिजनेस सेटअप किया वो भी एक नए आईडिया के साथ लुई ने इस बार अपने बैग्स को अलग दिखाई देने के लिए उन पर स्ट्रिप पैटर्न बनाए जो देखने में बेहद खूबसूरत थे जिस वजह से लोई के बिजनेस ने एक बार फिर से मार्केट पर अपनी अच्छी पकड़ बना ली देखते देखते लुई के प्रोडक्ट्स को इंटरनेशनली भी पहचान मिलने लगी दूसरे देशों के लोग भी लुई के बॉक्सेस और बैग्स को काफी पसंद करने लगे थे

जिस वजह से लुई ने लंदन में भी अपनी एक शॉप ओपन कर दी जिसके बाद इलाइट क्लासेस से लेकर मिडिल क्लास तक हर कोई लुई के बैग्स का इस्तेमाल करते जिसके बाद लुई ने अब अपना पहला कैटलॉग रिलीज करने का सोचा जिससे लोगों को सामान खरीदने में और आसानी हो

लेकिन तभी एक दिन खबर आई कि लुई ने 72 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया है वह बात अलग है कि लुई की मौत का कारण आज तक एक राज है पिता की मौत के बाद जॉर्ज ने अपने बिजनेस को संभाला और अपने पिता के अधूरे काम को पूरा करने का जिम्मा उठाया जॉर्ज सबसे पहले यूएस गए और वहां वर्ल्डफेयर को अटेंड किया जहां उनकी मुलाकात जॉनवना मेकर से हुई जिसने लुई के बिजनेस को इंटरनेशनल लेवल पर ग्रो करने में मदद की

प्राइस टैग ने बनाया ब्रांड

जॉन ने सबसे पहले पहले डिपार्टमेंट स्टोर के कांसेप्ट को लुई के बिजनेस में जगह दी और फिर लुई के नाम से एक प्राइस टैग को भी इन्वेंट किया और इस टैग के कारण लुई के प्रोडक्ट्स को लोगों में एक अलग पहचान मिली और तभी जॉर्ज ने अपने पिता की याद में अपने प्रोडक्ट्स को एलवी नाम का एक शानदार लोगो भी दिया जो आज भी लुई विटो के प्रोडक्ट्स पर देखने को मिलता है समय के साथ-साथ Louis Vuitton के प्रोडक्ट्स दुनिया के कोने-कोने में बिकने शुरू हो गए

Image: Condé Nast Traveler

जॉर्ज के साथ-साथ उनके बेटे गैस्टन ने भी इस बिजनेस में काम करना शुरू कर दिया जॉर्ज और गैस्टन दोनों लुई की तरह अपने प्रोडक्ट्स में समय-समय पर अपडेट लाते रहे जिससे Louis Vuitton का बिजनेस कभी रुका नहीं बल्कि ग्रो करता रहा

इस आइडिया से वर्ल्ड वार में भी कमाया मुनाफा

लेकिन कुछ समय बाद हिस्ट्री ने खुद को दोहराया और जॉर्ज ने भी दुनिया से विदा ले ली और जॉर्ज की जगह उनके बेटे गैस्टन ने आगे का बिजनेस संभाला हालांकि गैस्टन ने जैसे ही बिजनेस पर अपनी पकड़ मजबूत की वैसे ही सेकंड वर्ल्ड वॉर शुरूहो गई और Louis Vuitton को काफी भारी नुकसान हुआ

वर्ल्ड वॉर के चलते गैस्टन ने अपनी सभी फैक्ट्रीज और स्टोर्स को बंद कर दिया हालांकि कुछ लोगों का मानना यह भी है कि गैस्टन अपने बिजनेस को चलाने के लिए इतना डेस्प्रिंग से हाथ मिला लिया था और उनके लिए काम करना शुरू कर दिया था जिस वजह से एलवी की शॉप्स को छोड़कर बाकी हर दुकानों को तबाह कर दिया गया वॉर खत्म होने के बाद गैस्टन ने अपने तीनों बेटे हेनरी जैकेस और क्लड़ को कंपनी को रिबिल्ड करने का काम दिया लेकिन इस बिजनेस को लेकर तीनों के अलग-अलग आइडियाज थे जिस वजह से उनकी बहन के हस्बैंड हेनरी केमेर को कंपनी का साराकाम सौंप दिया गया

हेनरी ने 6 सालों में 260 मिलियन डॉलर का ब्रांड बना दिया

गैस्टन की भी तब तक मौत हो चुकी थी लेकिन हेनरी ने बिजनेस को गैस्टन से भी ज्यादा ग्रो दी हेनरी ने बहुत कम समय में पूरे एशिया की मार्केट को कैप्चर कर लिया और जो बिजनेस किसी समय में 20 मिलियन डॉलर का हुआ करता था, हेनरी ने उसे केवल 6 सालों में 260 मिलियन डॉलर का बना दिया एक दिन तब था और एक दिन आज है एलवी को आज तक आउटसाइडर्स ही चला रहे हैं वोह भी हैवी प्रॉफिट के साथ आज एलवी का एनुअल प्रॉफिट 21 बिलियन यूरो है

आज एलवी ना केवल बैग्स बनाता है बल्कि शूज परफ्यूम्स वॉचेस ज्वेलरी एक्सेसरीज सनग्लासेस बुक्स और तो और टॉयलेट्स तक बनाता है आज एलवी के पास एक से एक बेहतर डिजाइनर्स हैं जो इनके प्रोडक्ट्स को समयके साथ-साथ अपडेट करते रहते हैं इवन एलवीमें काम करने वाले एक मामूली क्राफ्ट्समैन को भी करीब 2 साल तक की ट्रेनिंग दी जातीहै जिससे इनके प्रोडक्ट्स में कोई छोटी सी गलती की गुंजाइश भी ना हो इनके कुछ प्रोडक्ट्स तो ऐसे भी होते हैं

कैसे एक बेसहारा लड़के ने Louis Vuitton जैसे ब्रांड को बना दिया

जिन्हें केवल असेंबल होने के लिए ही करीब 300 स्टेजेस से गुजरना पड़ता है शायद यही कारण है कि एलवी आज दुनिया में अपनी कमाल की सेल्स के साथ सभी ब्रांड्स में नंबर वन परआता है और इसकी वैल्युएशन का हिसाब अगर लगाया जाए तो वो भी साहब करीब $6 मिलियन डॉलर के आसपास है हालांकि आज इस कंपनी के मालिक कई और हैं लेकिन यह बात भी नहीं भूलनी चाहिए कि यह कहानी एक ऐसे बेसहारा लड़के की है

जिसके पास ना कोई सपोर्ट था और ना ही कोई उम्मीद कुछ था तो बस हार्डवर्क और कर गुजर जाने का जज्बा ले देकरइ सी जज्बे ने उन्हें सफलता भी दे लाई उन्होंने कभी अपनी स्ट्रेस एंजाइटी को खुदपर हावी नहीं होने दिया और इसी का फल थाकि लुई विटो नाम का एक लड़का एक ऐसा ब्रांड एस्टेब्लिश कर गया जिसकी दीवानगी आज भी लोगों के सर चढ़ के बोलती है, Louis Vuitton ने भले ही सालों पहले यह दुनिया छोड़ दी लेकिन उनकी बनाई ब्रांड Louis Vuitton उन्हें हमेशा जिंदा रखेगी इस पर अब आपकी क्या राय है हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं मिलते हैं।

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नमस्कार मेरा नाम शालिनी मिश्रा है, मैं एक कंटेंट राइटर है मुझे ऑटोमोबाइल और सरकारी योजनाओं पर आर्टिकल लिखने का 6 सालो का एक्सपीरियंस है और अभी मैं Pm Letest News के लिए आर्टिकल लिखती हूं।
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