दुर्लभ कश्यप माथे पर तिलक, आंखों में सुरमा, कंधे पर काला गमछा और अपराध से पहले महाकाल का नाम, उज्जैन में दुर्लभ कश्यप गैंग की यही पहचान है जमीनी स्तर से ज्यादा सोशल मीडिया पर इस गैंग का भौकाल है, विवादित मामलों को खत्म करने के लिए गैंग का सरगना दुर्लभ कश्यप सोशल मीडिया पर विज्ञापन देता था सितंबर 2020 में उसकी गैंगवार में हत्या हो गई जुर्म की दुनिया में कदम रखने वाले दुर्लभ ने कैसे बना लिया इतना बड़ा गैंग आइये इस आर्टिकल में जानते हैं।
दुर्लभ कश्यप का शुरुवाती जीवन
दुर्लभ कश्यप का जन्म उज्जैन जिले के जीवाजीगंज के अलपुरा में 8 नवंबर 2000 को हुआ था, पिता एक बड़े कारोबारी थे और मां एक गवर्मेंट टीचर थी, जन्म के बाद दोनों ने बड़े प्यार से इसका नाम दुर्लभ रखा था, पेरेंट्स ने सोचा था कि आगे चलकर यह कुछ अलग करेगा उसने अपने जीवन में कुछ अलग तो जरूर किया लेकिन वो समाज और परिवार के लिए नासूर बन गया था कहा यह भी जाता है कि दुर्लभ अपनी मां के करीब था इसलिए वह मां के साथ उज्जैन में ही रहता था, पिता किसी कारणवश इंदौर में रहते थे दुर्लभ उज्जैन में रहकर ही अपनी पढ़ाई कर रहा था।
सोशल मीडिया में बदमाशी के प्रचार करता था
दुर्लभ को नजदीक से जानने वाले लोग बताते हैं कि वह बिल्लियों का शौकीन था बिल्लियों से दुर्लभ कश्यप को बहुत प्यार था इस दौरान छोटी उम्र में उसे अपराध का शौक भी चढ़ गया सोशल मीडिया की मदद से वह अपनी बदमाशी का प्रचार कर रहा था महज 15 साल की उम्र में उसने हथियारों के साथ सोशल मीडिया पर तस्वीरें डालनी शुरू कर दी थी साथ ही लोगों को धमकियां भी देता था इस दौरान सोशल मीडिया पर उसके स्टाइल से प्रभावित होकर लोग जुड़ने लगे और 16 साल की उम्र में दहशत फैलाने के लिए उसका गैंग तैयार हो गया।
छोटी उम्र में उज्जैन का सबसे बड़ा गैंगस्टर बना
सोशल मीडिया के जरिए दुर्लभ कश्यप से लोग जुड़ रहे थे इससे उसको और बल मिला अपने साथ युवाओं की भीड़ को बढ़ता देख दुर्लभ कश्यप ने उज्जैन में अपराध की दुनिया में कदम रख दिया देखते ही देखते उज्जैन शहर में उसका नाम हो गया इसके बाद अपने गैंग के साथ वह छोटी मोटी वारदातों को अंजाम देने लगा इस गैंग के लोगों का काम करने का अपना अलग अंदाज था।
दुर्लभ कश्यप का स्टाइल लोग खूब पसंद पसंद करते थे।
उसने छोटी उम्र के लोगों का एक बड़ा गैंग बना लिया, पर दुर्लभ कश्यप ने विज्ञापन दिया कि कुख्यात बदमाश हत्यारा पेशेवर अपराधी किसी भी विवाद के लिए संपर्क करें दुर्लभ कश्यप गैंग एक कॉर्पोरेट कंपनी की तरह काम करता था गैंग का अपना स्टाइल और ड्रेस कोड था इस गैंग के सभी सदस्य माथे पर तिलक, आंखों में सुरमा और कंधे पर काला गमछा रखते थे इसके साथ ही गैंग के लोग कभी-कभी काले कपड़े भी पहनते थे दुर्लभ कश्यप गैंग के इसी स्टाइल के युवा फैन हुए जा रहे थे पढ़ाई लिखाई की चिंता छोड़कर युवा दुर्लभ के गैंग से जुड़ रहे थे।
18 साल की उम्र में 9 केस लगे
उज्जैन में दुर्लभ गैंग की बदमाशी बढ़ रही थी पुलिस को इस गैंग के बारे में पता चल गया था उज्जैन पुलिस ने गैंग पर दबिश शुरू कर दी पुलिस ने इसका खुलासा करते हुए उस वक्त दो दर्जन से अधिक लड़कों को उठाया था, अक्टूबर 2018 में दुर्लभ को 23 साथियों के साथ पकड़ा गया 18 साल की उम्र में उसके खिलाफ नौ केस दर्ज हो गए थे
इसके बाद वह जेल से गैंग को संचालित करता रहा दुर्लभ कश्यप गैंग के लोग अपराध को अंजाम देने के बाद महाकाल का नाम लेते थे दुर्लभ कश्यप दो सालों से जेल में बंद था कोरोना काल के दौरान 2020 में उसकी रिहाई हो गई जेल से बाहर आने के बाद दुर्लभ फिर से अपराध की दुनिया में एक्टिव हो गया था इस दौरान उसके पुराने दुश्मन फिर से एक्टिव हो गए
दुर्लभ कश्यप की मौत
6 सितंबर 2020 को दुर्लभ कश्यप गैंग वॉर में मारा गया रात 2 बजे चाकुओं से गोद कर उसकी हत्या कर दी गई इसके बाद उज्जैन में हड़कंप मच गया दुर्लभ कश्यप की मौत के बाद उसके गिरोह के लोगों का नाम किसी बड़े मामले में सामने नहीं आया, दुर्लभ के सोशल मीडिया में बहुत से फैन पेज एक्टिव हैं जिन पर लगातार वीडियो पोस्ट किए जाते हैं वीडियो पोस्ट करने वाले दुर्लभ कश्यप की तरह ही ड्रेस में होते हैं उन वीडियोस पर हजारों लाइक्स और व्यूज आते हैं
सोशल मीडिया पर दुर्लभ कश्यप का नाम और स्टाइल काफी चर्चित है यही वजह है कि उसकी मौत के बाद उसके ऊपर एक फिल्म बन रही है उसे लॉयन ऑफ उज्जैन भी कहा जाता था, पंजाबी अभिनेता जय रंधावा दुर्लभ कश्यप का किरदार निभा रहे हैं, फिल्म का पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल है
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