भारत जो हमेशा से अपनी शांति और सहयोग के विचारों के लिए जाना जाता है अब डिफेंस क्षेत्र में ऐसी ऊंचाइयों को छू रहा जो कई देशों के लिए चिंता का विषय बन चुकी है जहां पहले भारत अपनी रक्षा जरूरतों के लिए रूस, इजराइल, फ्रांस और अमेरिका जैसे देशों पर निर्भर था अब देश ने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया खास तौर से डीआरडीओ यानी डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने भारत को एक ऐसी तकनीकी सफलता दिलाई है जो दुनिया के बड़े से बड़े डिफेंस खिलाड़ी भी हजम नहीं कर पा रहे है।
गैलेनियम नाइट्राइड आधारित रडार सिस्टम
सबसे पहले बात करते हैं भारत के नए गैलेनियम नाइट्राइड आधारित रडार सिस्टम की जिसने इजराइल फ्रांस और अमेरिका जैसे देशों को टक्कर दे दी है डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया यह फायर कंट्रोल रडार सिस्टम ना सिर्फ भारत की जरूरतों को पूरा करेगा बल्कि यह हर तरह के इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के वातावरण में भी काम करने की अद्वितीय क्षमता रखता है

इस तकनीक की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह कम पावर में भी अधिक प्रदर्शन कर सकता है जिससे भारतीय फाइटर जेट्स की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी भारत ने अपने नए रडार सिस्टम को तेजस एम के2 जैसे स्वदेशी फाइटर जेट में तो इस्तेमाल करने की योजना बनाई है लेकिन इस तकनीक का एक और बड़ा प्रयोग राफेल फाइटर जेट में करने की तैयारी थी हालांकि जब भारत ने अपने राफेल फाइटर जेट्स में यह गैली नियम नाइट्राइट आधारित रडार सिस्टम लगाने का प्रस्ताव रखा तो फ्रांस ने इसे मानने से मना कर दिया
भारत ने बनाया दुनिया का पहला रैमजेट राउंड्स
रडार सिस्टम की सफलता के बाद अब भारत ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाया दुनिया का पहला रैमजेट राउंड्स बनाने की दिशा में यह ना केवल भारत की सैन्य क्षमता को बढ़ाएगा बल्कि चीन जैसे देशों को मानने पर मजबूर कर देगा कि भारत अब डिफेंस के मामले में किसी से पीछे नहीं है रमजट राउंड्स का एक उन्नत प्रक्षेपास्त्र प्रणाली है जो इसे ज्यादा गति और दूरी तक मार करने में सक्षम बनाती है यह राउंड्स पारंपरिक गोला बारूद की तुलना में अधिक शक्ति और सटीकता से अपने लक्ष्य को भेद सकती है यह तकनीक भारत को ना केवल आधुनिक युद्ध में बड़ दिला बल्कि यह साबित करेगी कि अब भारत किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं है।

चीन को कड़ी टक्कर देने को है तैयार
चीन जो हमेशा से अपनी सैन क्षमता के लिए जाना जाता है अब भारत के इस नए रैमजेट राउंड से चिंतित हो सकता है यह तकनीक ना केवल चीन के हथियार प्रणाली को चुनौती देगी बल्कि यह भी साबित करेगी कि भारत की रक्षा प्रणाली अब किसीअन्य देश की मोहताज नहीं है खैर भारत का यह नया रडार सिस्टम और रैमजेट राउंड निश्चित ही देश की सुरक्षा को अगले स्तर तक ले जाएगी और वो दिन दूर नहीं जब भारत की रक्षा प्रणाली की तकनीकी क्षमता दुनिया के किसी भी सुपर पावर से कम नहीं होगी आपका क्या कुछ कहना है डीआरडीओ की सफलता को लेकर कमेंट करकर जरूर बताएं
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