Baby John Movie Review in Hindi: 2015 में थलापति विजय ने अपने फिल्मी करियर की आखिरी फ्लॉप फिल्म दी थी उस फिल्म का नाम था पुली जिसे भारी भरकम बजट में बनाया गया था ये एक फैंटेसी ड्रामा फिल्म थी जो बमुश्किल अपनी लागत वसूल कर पाई थी इस फिल्म के बाद विजय को रिलाइजेशन हुआ उन्होंने अपने काम करने के तरीके में कुछ बदलाव किए
इसके बाद वो एक ऐसे सुपरस्टार में तब्दील हो गए जिसके सामने टिक पाना किसी के भी बस की बात नहीं रही और इसकी शुरुआत हुई 2016 में आई फिल्म Theri से जिसे एटली कुमार ने डायरेक्ट किया था तब से लेकर आज तक विजय की कोई फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप नहीं हुई, 8 साल बाद उन्हीं एटली कुमार ने बतौर प्रोड्यूसर विजय की ब्लॉकबस्टर फिल्म Theri को हिंदी में रिमेक किया है इस फिल्म का नाम है बेबी जॉन
Baby John Movie Review in Hindi
फिल्मों को रिमेक करने के कई तरीके होते हैं कोई फिल्मकार किसी फिल्म को स्पिरिचुअल तरीके से रिमेक करता है कोई उसी कहानी को अपने तरीके से कहता है और कुछ फिल्म मेकर्स रिमेक के नाम पर फिल्मों को सीन बाय सीन कॉपी कर देते हैं बेबी जॉन तीसरे किस्म की रिमेक है कहानी तो कहानी है यहां तक कि मेकर्स ने फिल्म के कुछ किरदारों के नाम भी नहीं बदले मसलन फिल्म के मेन विलन के बेटे का नाम Theri में भी अश्विन है और बेबी जॉन में भी अश्विन ही है।






बेबी जॉन की कहानी
खैर अगर आपने Theri नहीं देखी तो आपको बेबी जॉन की कहानी ब्रीफ में बताते हैं सत्य वर्मा नाम का एक पुलिस वाला है जो मुंबई में अपनी मां के साथ रहता है उसकी शादी होती है एक बच्ची पैदा होती है इस सब के बीच में शहर के एक नामी गैंगस्टर नाना जी के साथ भिड़ जाता है नाना जी के बदले में सत्या की पूरी फैमिली को बर्बाद कर देते हैं, सत्या और उसकी बेटिया किसी तरह इससे बच निकलते हैं अब सत्या अपनी बेटी की सुरक्षा के लिए अपनी मौत का बहाना करता है नाम और लुक बदलकर देश के दूसरे हिस्से में शिफ्ट हो जाता है
मगर इस बात की खबर नानाजी तक पहुंच जाती है वह सत्या को फोन करता है और वापस धमकी देता है अब सत्ता के पास दो तरीके हैं या तो व जिंदगी भर अपनी बेटी की जान बचाने के लिए नाना से बचकर भागता रहे या फिर नाना की हत्या करके यह पूरा किस्सा तमाम कर दे, आपको पता है कि हिंदी फिल्म का हीरो कौन सा रास्ता चुनेगा सत्य वही रास्ता चुनता है बेबी जॉन एक प्रॉपर मसाला एंटरटेनर है फिल्म में बढ़िया तरीके से कोरियोग्राफ किए गए ढेर सारे एक्शन सीक्वेंसेस हैं, डायलॉग बाजी है, कॉमेडी है, रोमांस है क्या नहीं है नयापन वो भी तब जब Theri कई भाषाओं में ओटीटी प्लेटफार्म पर उपलब्ध है
दर्शक पहले देख चुके फिल्म को क्यों देखेगा
पिछले दिनों कार्तिक आर्यन की एक फिल्म आई थी शहजादा शायद आपको इस फिल्म का नाम ध्यान ना हो क्योंकि ये पिक्चर कब आई और कब गई किसी को कानो कान खबर नहीं हुई शहजादा अल्लू अर्जुन की सुपरहिट Ala Vaikunthapurramuloo का हिंदी रिमेक थी Ala Vaikunthapurramuloo यानी वो फिल्म जिसने देश को बताया कि अल्लू अर्जुन नाम का एक स्टार पैदा हो गया है, ये फिल्म यूट्यूब प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध थी जिसे बड़ी संख्या में देखा जा चुका था जिस फिल्म को लोग अपनी पसंद की भाषा में देख चुके हैं उसे कोई दोबारा क्यों देखेगा।
थालापति विजय के आगे छिप गया वरुण का किरदार
बेबी जॉन की मेकर्स ने शायद यह बात नहीं सोची वैसे तो किसी भी फिल्म में एक्टर्स का चुनाव बेहद जरूरी भूमिका अदा करता है मगर रिमेक में तो संभवत ये सबसे बड़ा डिसीजन होता है किस एक्टर के साथ ये फिल्म बनाई जानी चाहिए बेबी जॉन के मेकर से यहां भी चूक हुई है वरुण धवन एक सिंसियर एक्टर हैं उन्होंने अपने करियर में भिन्न-भिन्न तरह के रोल्स किए हैं
बेबी जॉन में उनका काम ठीक है मगर दर्शक इस रोल में बार-बार उनकी तुलना थालापति विजय से करेंगे और उसमें वरुण धवन मात खा जाएंगे क्योंकि अभी वो अपने करियर के उस मुकाम पर नहीं पहुंचे हैं जहां वो कुछ भी करें और लोग उसे उनका स्टाइल मान ले वो स्टारडम और फैन बेस अभी वरुन के पास नहीं है और इसमें उनकी कोई गलती नहीं है यह चीज फिल्म में आपको बार-बार खलती है
जबरदस्ती कुछ सीन जोड़े गए
बेबी जॉन देखते हुए एक मौका ऐसा आया जब मुझे लगा कि डायरेक्टर कलीस गॉड मोड में चले गए हैं वो मौका आता है क्लाइमैक्स से ठीक पहले इस फिल्म का सबसे माफसी सीन और रोल राजपाल यादव के हिस्से आया है राजपाल सैकड़ों फिल्मों में कॉमिक रोल्स कर चुके हैं मगर इस फिल्म में उन्हें बताने का मौका मिलता है कि कॉमेडी इज अ सीरियस बिजनेस ये फिल्म का सबसे पैसा वसूल सीन है
बेबी जॉन की एक अन्य खामी मुझे ये लगी कि फिल्म में कुछ सींस आसानी से हटाए जा सकते थे क्योंकि वो कथानक में कुछ जोड़ नहीं रहे थे महज फिल्म की लंबाई बढ़ा रहे थे वो फिल्म में सिर्फ इसलिए रखे गए थे क्योंकि वो सींस ओरिजिनल फिल्म का भी हिस्सा थे अगर फिल्म की लंबाई थोड़ी कम कर दी जाती तो मामला और क्रिस्प हो जाता
निष्कर्ष
हालांकि बेबी जॉन कोई बोरिंग फिल्म नहीं है आपको हर वो मसाला यहां मिलेगा जो आप पहले चख चुके हैं मगर यही इस फिल्म की सबसे बड़ी खामी भी है, बेबी जॉन देखते हुए सबसे दिलचस्प बात ये समझ आती है कि एटली तमिल सिनेमा को मुंबई नहीं लाए मुंबई को तमिलनाडु लेकर गए हैं इस फिल्म का ट्रीटमेंट पूरी तरह से एक साउथ इंडियन फिल्म वाला है अगर आप उस तरह की ओवर द टॉप एक्शन थ्रिलर फिल्म में देखना पसंद करते हैं तो बेबी जॉन भी आपको अच्छी लगेगी बाकी हमारा मानना था आपको क्या लगता है प्लीज कमेंट बॉक्स में बताएं
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