सेमीकंडक्टर हब बनेगा भारत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ब्रुनेई के दौरे पर थे और इसके बाद वह पहुंचे सिंगापुर सिंगापुर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक के बाद एक बंपर डील भारत के लिए ले आए हैं यह डील ऐसी डील है जिनके बाद चीन में जबरदस्त हड़क मचा है चीन यह देखकर हैरान है कि भारत किस तरीके से एक्ट ईस्ट पॉलिसी की तरफ पूरी तरीके से सक्रिय हो चुका है उन देशों तक भी भारत पहुंच रहा है जिन देशों तक अब से पहले ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई जिनमें एक देश ब्रुनेई भी है।
आज तक भारत के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि जब भारत के प्रधानमंत्री ब्रुनेई का दौरा कर रहे हो लेकिन पीएम मोदी ब्रुनेई गए और रक्षा व्यापार के साथ-साथ कई और विभिन्न क्षेत्रों को लेकर सकारात्मक पहल के साथ प्रतिबद्धता लेकर के आए दोनों देशों ने मिलकर तय किया कि वह विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले हैं
सेमीकंडक्टर हब बनेगा भारत
सिर्फ इतना नहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे थे इसके बाद सिंगापुर और सिंगापुर से लेकर आए चार बड़ी डील यह ऐसी डील है जो बहुत विशेष और भारत के लिए नई कीर्ति मन स्थापित करने की उम्मीद लेकर आएगा इसमें एक सबसे बड़ी डील सेमीकंडक्टर को लेकर है भारत तेजी के साथ सेमीकंडक्टर पर बड़े लंबे वक्त से काम कर रहा है यही कारण है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंगापुर पहुंचे तो खास तौर पर भारत की पकड़ सेमीकंडक्टर की उस डील पर थी जिसे पूरी दुनिया एक बड़े समझौते के रूप में देख रही थी

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सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम पार्टनरशिप
पीएम मोदी सिंगापुर की संसद पहुंचे और इसके बाद दोनों नेताओं ने एक दूसरे के मंत्री और प्रतिनिधि मंडलों के साथ मुलाकात की मुलाकात के बाद वह वक्त आया जब दोनों देशों के प्रतिनिधि मंडल ने वो करार किए जो आने वाले दिनों में दोनों देशों के लिए फायदे का सौदा लेकर आई भारत सिंगापुर सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम पार्टनरशिप को लेकर भी एमओयू पर साइन हुए दोनों देश सेमीकंडक्टर क्लस्टर डेवलपमेंट और सेमीकंडक्टर डिजाइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस करेंगे
सिंगापुर करेगा भारत में इन्वेस्ट
बीते कुछ दशकों में सिंगापुर ने वैश्विक सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में अपना विशेष स्थान बनाया है सिंगापुर अपनी पोजीशन बनाए रखने के लिए हार्ड और सॉफ्ट दोनों तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करना जारी रखे हुए हैं सिंगापुर को यह उम्मीद भारत से भी है भारत जब खुद को सेमीकंडक्टर हब बनाने का सपना देख रहा है और इस क्षेत्र में अपना सबसे बड़ा और ऐतिहासिक कदम रखने जा रहा है तब विभिन्न देशों का आगे आकर भारत को समर्थन करना निश्चित तौर पर भारत के लिए मील के पत्थर जैसा साबित होगा
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अब भारत में बनेंगे सेमीकंडक्टर
अब सिंगापुर भी सैमी कंडक्टर के क्षेत्र में भारत में इन्वेस्ट कर और भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए काफी प्रोत्साहित नजर आ रहा है निश्चित तौर पर यह डील दोनों देशों के लिए फायदे का सौदा लेकर आएगी और चीन जैसे देश के लिए तबाही क्योंकि भारत के संदर्भ में चीन कभी नहीं चाहेगा कि भारत विभिन्न देशों के साथ मिलकर ऐसी बड़ी डील्स की तरफ आगे बढ़े जो आगे जाकर चीन के लिए मुसीबत ले आए आपको क्या लगता है कमेंट करके जरूर बताएं