भारत का डिफेंस सेक्टर हर दिन एक नयी ऊंचाइयों को छू रहा और इसका सबसे बड़ा उदाहरण भारतीय नौसेना का प्रोजेक्ट 76 है इस परियोजना के अंतर्गत भारतीय नौसेना अपनी सबमरीन क्षमता को नई तकनीकों के साथ और भी मजबूत करने जा रही है इस प्रोजेक्ट के तहत 12 Next Generation की सबमरीन तैयार की जाएंगी जो भारत को समुद्री सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाएंगी और इसके साथ ही साथ चीन और पाकिस्तान के लिए यह एक बड़ी चिंता का विषय बन सकता है
क्या है प्रोजेक्ट 76
दरअसल Defence Research and Development Organisation (DRDO) और Mazagon dock shipbuilders यानी (MDL) ने प्रोजेक्ट 76 के तहत भारतीय नौसेना के लिए प्रतिस्पर्धी डिजाइन रेस में हिस्सा लेने का निर्णय लिया है, इस परियोजना के तहत दो चरणों में 12 सबमरीन का निर्माण किया जाएगा डीआरडीओ और एमडीएल दोनों ही अपने-अपने डिजाइन के साथ इस प्रतियोगिता में शामिल हो रहे हैं, डीआरडीओ ने भारतीय नौसेना के Bureau of Warship Design के साथ मिलकर Next Generation की सबमरीन डिजाइन विकसित करने के लिए हरी झंडी प्राप्त कर ली है
प्रोजेक्ट 76 का फायदा
चलिए जानते हैं इस प्रोजेक्ट से भारत को क्या फायदा होगा, दरअसल इस परियोजना का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि भारत की स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा मिलेगा डीआरडीओ का डिजाइन पहले से ही सफलतापूर्वक संपन्न हुए एसएसएन न्यूक्लियर अटैक सबमरीन के डिजाइन से प्रेरणा लेकर तैयार किया जाएगा, इसके साथ ही साथ एमडीएल ने भी 2028 तक अपनी सबमरीन डिजाइन का अनावरण करने का लक्ष्य रखा है जो उसे एक प्रतिस्पर्धात्मक विकल्प के रूप में पेश करेगा, इस प्रोजेक्ट के तहत तैयार होने वाली सबमरीन ना केवल अत्याधुनिक तकनीक से लैस होगी बल्कि यह भारत को समुद्री सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाएंगी
दुश्मनो को जवाब देने में सक्षम
चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए ये एक बड़ी चुनौती साबित होगी क्योंकि भारत की ये नई सबमरीन उन समुद्री गतिविधियों पर नजर रखने और उन्हें जवाब देने के लिए पूरी तरह से सक्षम होंगी, भारत की यह नई पहल वैश्विक स्तर पर भी महत्त्वपूर्ण होगी जहां चीन अपने समुद्री विस्तारवाद के चलते आलोचना का सामना कर रहा वहीं भारत की यह स्वदेशी सबमरीन परियोजना उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर और भी मजबूती प्रदान करेंगी इससे चीन और पाकिस्तान दोनों पर दबाव बढ़ेगा
चीन और पाकिस्तान के लिए खतरा
इस परियोजना के तहत भारत की सबमरीन क्षमता में वृद्धि होगी जिससे समुद्री शक्ति का संतुलन भारत के पक्ष में हो जाएगा चीन के लिए यह एक बड़ी चिंता का विषय होगा क्योंकि उनका हिंद महासागर में प्रभाव कम हो सकता है पाकिस्तान जो अपनी सुरक्षा के लिए चीन पर ही निर्भर है इस परियोजना से और भी कमजोर हो जाएगा भारत की नई सबमरीन पाकिस्तान की समुद्री गतिविधियों पर कड़ी नजर रख सकती हैं और उसकी किसी भी गुप्त योजना को विफल कर सकती हैं।
निष्कर्ष
खैर भारतीय नौसेना का प्रोजेक्ट 76 देश की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम है, इससे ना केवल भारत की समुद्री सुरक्षा में वृद्धि होगी बल्कि चीन और पाकिस्तान के लिए भी यह एक कड़ा संदेश होगा कि भारत किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है, इस प्रोजेक्ट के सफलता पर आपका क्या कुछ कहना है कमेंट में जरूर बताएं
इसे भी पढ़ें: Global Piece Index 2024 : अफगानिस्तान नहीं ये है दुनिया का सबसे खतरनाक देश