Data Center: गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और मेटा जैसी टॉप टेक्नोलॉजी कंपनी डेटा सेंटरों पर अरबों डॉलर खर्च कर रही हैं। ये कंपनियां अपने डेटा सेंटरों के लिए न्यूक्लियर प्लांट भी बना रही हैं, जिनसे पैदा होने वाली बिजली का इस्तेमाल इन केंद्रों के लिए किया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग के कारण कंपनियां अब अधिक Data Center स्थापित कर रही हैं और उन पर भारी खर्च कर रही हैं।
क्या है Data Center
किसी भी कंपनी के दुनिया भर में लाखों-करोड़ों युजर्स होते हैं। इन सभी उपयोगकर्ताओं का डेटा जिस स्थान पर संग्रहीत किया जाता है उसे डेटा सेंटर कहा जाता है। उदाहरण के लिए, इंस्टाग्राम पर जिस भी यूजर की प्रोफाइल है, उनकी तस्वीरें और वीडियो डेटा सेंटर में स्टोर होते हैं। जिस कंपनी के पास जितने अधिक युजर्स होंगे, उसके Data Center उतने ही बड़े होंगे। इस प्रकार के डेटा केंद्र बड़े सर्वर का उपयोग करते हैं और सर्वर को लगातार चालू रखने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, सर्वर को ठंडा रखने के लिए सेंट्रल एयर कंडीशनर भी चलते हैं, जिसके लिए बिजली की भी आवश्यकता होती है। इसके लिए इन कंपनियों को भारी खर्च करना पड़ता है।
लेटेस्ट Data Center

अधिकांश कंपनियाँ फिजिकल सर्वर के बजाय क्लाउड सर्वर का उपयोग करती हैं। Google, Microsoft और Meta जैसी कंपनियाँ हर देश में Data Center नहीं बनाती हैं। वे कुछ चुनिंदा स्थानों पर बड़े डेटा सेंटर बना रहे हैं। भारत एक बड़ा बाजार होने के कारण अब गूगल और मेटा जैसी कंपनियां यहां डेटा सेंटर स्थापित कर रही हैं। जिन देशों में डेटा सेंटर नहीं हैं, वहां क्लाउड सर्वर का उपयोग किया जाता है, जिसकी लागत भी अधिक आती है। AI वर्तमान में डेटा सेंटरों की ओर बढ़ रहा है। इसके लिए विशाल भंडारण की आवश्यकता होती है। एआई चैटबॉट युजर्स के हर सवाल का जवाब देते हैं और उस डेटा को स्टोर करने के लिए उनके पास काफी जगह होनी चाहिए। इसलिए, प्रमुख कंपनियां एआई के साथ संगत सुरक्षित Data Center बनाने में निवेश कर रही हैं।
हजारों करोड़ का निवेश

Google, Microsoft, Apple और Meta डेटा केंद्रों पर करोड़ों डॉलर खर्च कर रहे हैं। गूगल पहले ही कह चुका है कि 2030 तक वह अपने डेटा सेंटरों के लिए न्यूक्लियर एनर्जी का इस्तेमाल करेगा। माइक्रोसॉफ्ट ने एक न्यूक्लियर प्लांट को पुनर्जीवित करने का ठेका दिया है। मेटा कंपनी की योजनाएँ एक दुर्लभ प्रजाति की मधुमक्खी के कारण रुकी हुई हैं। हर कंपनी इस सेक्टर में भारी निवेश कर रही है। आने वाले समय में एआई टेक्नोलॉजी और विकसित होगी और उसी हिसाब से निवेश भी बढ़ेगा। एआई की इस दौड़ में, हर कंपनी अपने स्वयं के शक्तिशाली एआई सॉल्यूशन करने के लिए दौड़ रही है, और इसके लिए भारी रकम निवेश कर रही है।