आखिर कौन है मोहम्मद अमान जिसे बनाया गया है? भारतीय अंडर 19 टीम का कप्तान कहानी बहुत दिलचस्प है, सिर्फ 16 साल की उम्र में वह खिलाड़ी अनाथ हो गया था माता-पिता का साया सर से उठ गया था, उससे छोटे उसके तीन भाई बहन थे या तो क्रिकेट चुनना था या तो उन भाई बहनों के लिए कोई छोटी-मोटी नौकरी चुननी थी
लेकिन उस खिलाड़ी ने क्रिकेट को चुना कई रातें भूखे पेट सोया, उसके पिता एक ट्रक ड्राइवर थे बचपन से ही उसने अभाव में जिंदगी गुजारी बचपन से गरीबी में जिंदगी गुजारी लेकिन अपना सपना कभी नहीं भुला और फिर देखिए आज उसे भारतीय अंडर 19 टीम का कप्तान चुन लिया गया है तो आइए जानते है टीम इंडिया के नए कप्तान मोहम्मद अमान की अनसुनी कहानी।
पिता थे ट्रक ड्राइवर
15 अगस्त 2006 को सहारनपुर में जन्मे मोहम्मद अमान के पिता मेहताब खान एक ट्रक ड्राइवर थे चार भाई बहनों में अमान सबसे बड़े हैं बेहद गरीबी और अभाव में बचपन गुजारते हुए अमन ने पांच साल की उम्र में ही हाथ में बल्ला थाम लिया था हालांकि पिता चाहते थे कि अमान पढ़ लिखकर अपना करियर बनाए
लेकिन अमान को बचपन से ही जिद थी कि बनूंगा तो क्रिकेटर ही बनूंगा, पिता मेहताब को बिल्कुल पसंद नहीं था कि अमान क्रिकेट खेले क्योंकि उन्हें लगता था कि क्रिकेट अमीरों का खेल है इसमें गरीबों का कुछ नहीं हो सकता लेकिन अमान ने कड़ी मेहनत और लगन से अपने पिता की इस सोच को बदल कर दिखा दिया और क्रिकेट में झंडे गाड़ दिए।
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16 साल की उम्र में माता पिता की मौत हो गयी
अमान की कहानी बहुत भावुक कर देने वाली है जब अमान सिर्फ 16 साल के थे तब उनके सर से माता और पिता दोनों का साया छिन गया जब वो सिर्फ 14 साल के थे तब साल 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी मां चल बसी और फिर 2 साल बाद जब वह 16 साल के थे तब 2022 में पिता का भी लंबी बीमारी के बाद इंतकाल हो गया

यहां अमान के पास सिर्फ दो विकल्प मौजूद थे या तो वो क्रिकेट खेलना जारी रखें या अपना सपना छोड़ दें और छोटी-मोटी नौकरी तलाश कर अपने छोटे भाई बहनों को पाले, अमान ने हार नहीं मानी और क्रिकेट को चुना 18 साल की उम्र में उन्हें इसका सबसे बड़ा फल भी मिल गया उन्हें भारतीय अंडर 19 टीम का कप्तान बना दिया गया।
कई रात भूखे सोते थे अमान
अमान की जिंदगी कितने संघर्षों भरी रही है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमान को कई रातों भूखे पेट सोना पड़ा था अमान उसे याद करते हुए कहते हैं मैं कई रातों भूखा सोया हूं भूख से बड़ा कुछ नहीं मैं अब कभी भी अपना खाना बर्बाद नहीं करता क्योंकि मुझे पता है कि इसे कमाना कितना मुश्किल होता है एक वक्त ऐसा भी आया था जब अमान ने क्रिकेट छोड़ने तक का मन बना लिया था
छोड़ना चाहते थे क्रिकेट
एक इंटरव्यू में खुद अमान बताते हैं जब मैंने अपने पिता को खोया तो मुझे ऐसा लगा जैसे मैं एक ही दिन में अचानक से बड़ा हो गया हूं मैं परिवार का मुखिया बन गया था मुझे अपनी छोटी बहन और दो भाइयों की देखभाल करनी थी मैंने खुद से कहा कि मुझे क्रिकेट छोड़ देना चाहिए और मैंने सहारनपुर में नौकरी भी तलाशी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ हालांकि कुछ लोग चाहते थे कि मैं अपना खेल जारी रखूं और मदद करने को तैयार थे
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ट्रेन के टॉयलेट में सफर करते थे
अमान अपने संघर्ष भरे दिनों को याद करते हुए यह भी बताते हैं कि ट्रेन के जनरल डिब्बे में वो कई सालों तक टॉयलेट के पास बैठकर सफर करते थे अमान ने कहा कानपुर में यूपीसीए के एज ग्रुप के ट्रायल होते थे मैं ट्रेन से जनरल डिब्बे में यात्रा करता था ट्रेन में मैं टॉयलेट के पास बैठता था क्योंकि वहां भीड़ बहुत होती थी अब जब मैं फ्लाइट से यात्रा करता हूं और किसी अच्छे होटल में ठहरता हूं तो मैं बस भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं
कोच ने बताया संघर्ष
अमान के कोच राजीव गोयल उस वक्त को याद करते हुए बताते हैं कि कैसे अमान हताश होकर अपने परिवार की मदद के लिए नौकरी की तलाश में उनके पास पहुंचे थे गोयल कहते हैं अमान ने मुझसे कहा कि कोई कपड़े की दुकान में नौकरी लगवा दो घर में पैसे नहीं है मैंने उन्हें अपनी अकेडमी में आने और युवा खिलाड़ियों को कोचिंग देने के लिए कहा मैं जो भी कर सकता था मैंने किया इसलिए वो रोजाना आठ घंटे मैदान पर रहते थे यह उनकी कड़ी मेहनत है जिसका उन्हें फल मिला है
एसोसिएशन ने की मदद
अमान के क्रिकेट करियर की शुरुआत सहारनपुर के भूतेश्वर क्रिकेट ग्राउंड से हुई जहां राजीव गोयल से उन्होंने क्रिकेट की शुरुआती कोचिंग ली एसोसिएशन के चेयरमैन मोहम्मद अकरम ने अमान की प्रतिभा को भांपते हुए उनका बहुत साथ दिया और अच्छी ट्रेनिंग के लिए उन्हें बाहर भेजा नतीजा यह हुआ कि अमान एक शानदार बैट्समैन बन गए और यूपी का नाम रोशन करने लगे
सहारनपुर के गाँव से निकलकर भारत के कप्तान बनने का सफर
सहारनपुर के एक छोटे से गांव की गलियों से खेलते हुए अंडर 19 टीम इंडिया तक का सफर अमान ने कैसे तय किया आइए आपको एक-एक करके बताते हैं, वीनू मांकड़ ट्रॉफी में यूपी अंडर 19 के लिए अमान आठ पारियों में 363 रन बनाकर सुर्खियों में आए थे जिसमें उन्होंने चार अर्ध शतक ठोके थे, इसके बाद उनका सिलेक्शन अंडर 19 चैलेंजर ट्रॉफी में हो गया और यहां पर भी उन्होंने बल्ले से तूफान मचा दिया 98 की गजब औसत के साथ उन्होंने 294 रन बनाकर दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए

चैलेंजर ट्रॉफी में दो शतक ठोक कर उन्होंने तहलका मचा दिया, इसके बाद उनका सिलेक्शन एशिया कप के लिए अंडर-19 टीम में हो गया अमान दक्षिण अफ्रीका में खेले गए अंडर-19 विश्व कप के लिए स्टैंड बाई खिलाड़ी के तौर पर भी सेलेक्ट किए गए थे और इसके बाद अमान की जिंदगी का सबसे बड़ा दिन आया जब 31 अगस्त 2024 को भारतीय अंडर 19 टीम के वो कप्तान बना दिए गए, अमान की कप्तानी में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया अंडर 19 टीम के साथ पुडुचेरी में वनडे सीरीज खेलेगी